(Top 5 tips)Husband wife relation पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करती है यह पांच बातें in hindi

रिश्ता तो बस एक ही काफी है उम्र बिताने के लिए। भीड़ तो बुलाई जाती है तमाशा दिखाने के लिए। मियां बीवी का रिश्ता इंसानी रिश्तों में सबसे अहम और important है। और सबसे नाजुक भी है। और सबसे बड़ा रिश्ता भी है। और यही सब रिश्तों की बुनियाद भी है। 

दुनिया की इब्तिदा यानी शुरुआत भी मियां बीवी है। और इन्तेहाँ भी मियाँ बीवी है। जन्नत में भी सब मियाँ बीवी के रिश्ते से ही रहेंगे। अहमियत के एतबार से मियाँ बीवी का रिश्ता सबसे बड़ा है। और रुतबा और मकाम के एतिबार से माँ बाप का रिश्ता सबसे बड़ा है। 

इसलिए इस रिश्ते का मजबूत होना बेहद ज़रूरी है। और आप तो जानते हैं किसी भी चीज़ के मजबूत होने के लिए उसके फाउंडेशन का मजबूत होना बेइंतिहा ज़रूरी होता है। ठीक उसी तरह मियाँ बीवी के रिश्ते के लिए भी कुछ बेसिक और ज़रूरी बातें हैं जो मियाँ बीवी के रिश्ते को मजबूत बनाते हैं। 


Best 5 tips husband wife relation 

आज हम ऐसी पाँच बातें आपको बताने वाले हैं। जो अगर आप पढ़ेंगे और उस पर अमल करेंगे तो आपका जो मियाँ बीवी का रिश्ता है वह मजबूत होगा। इसलिए ध्यान से पढ़ना और इसे शेयर भी करना 

1.Respect (इज्जत) करना 

एक दूसरे की इज्जत करना। देखिए अगर मियां बीवी को खाना न मिले‌। घर खुद का न मिले या सही से न मिले‌। औलाद न मिले या औलाद अच्छी न मिले। गरीबी मिले। मुसीबतें मिलें। परेशानियां मिलें। आप देखते होंगे। फिर भी मियां बीवी का रिश्ता चलता है। 

ओर अगर सब कुछ है लेकिन एक दूसरे के दरमियान इज्जत नहीं है। तो मियां बीवी का रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चलता 

और बड़े ताज्जुब की बात है। हैरानी की बात है और अफसोस की भी बात है कि आज के जमाने में बीवी की इज्जत करने वाला उसकी रिस्पेक्ट करने वाले को जन मुरीद कहते हैं। ताने देते हैं ताकि बीवी की इज्जत करना बंद कर दें।  

मेरी एक बात याद रखो। बीवी को इज्जत देने वाला चोरू का गुलाम नहीं होता। बल्कि एक अजीम मां का फरमाबरदार बेटा होता है।

बल्कि वह उस अजीज मां का लड़का है। जिसने अपनी औलाद को औरत की इज्जत करना सिखाया होता है। याद रखो अपनी मां और बीवी को बेपनाह इज्जत दो। क्योंकि एक ने तुम्हें दुनिया में लाया है।और दूसरी यानी बीवी सारी दुनिया को छोड़कर वो तुम्हारे पास आई है। 

इसलिए मियां बीवी के दरमियान इज्जत और रिस्पेक्ट का होना बेहद जरूरी है। यहां तक कि खाने से भी ज्यादा। 


2. trust भरोसा करना 

मियां बीवी का एक दूसरे पर भरोसा करना। मियां बीवी को एक दूसरे पर इतना भरोसा होना चाहिए कि बात बात पर एक दूसरे को सफाइयां देने की जरूरत न पड़े। क्योंकि भरोसा किसी भी रिश्ते के लिए एक मजबूत दीवार होता है। इसलिए शक को बिल्कुल जगह न दें। भरोसा बनाए रखें। 

याद रखें। भरोसा एक छोटा सा लफ्ज है। मगर यकीन दिलाने में पूरी जिंदगी लग जाती है और एक शक सुई के बराबर भी अगर आ जाए तो ये जो भरोसे की दीवार है। फौरन ढह जाती है। 

देखिए। भरोसा हो इंसान में तो सामनेवाले की खामोशी भी समझ में आ जाती है। और भरोसा न हो तो सामने वाले के अल्फाज भी समझ में नहीं आते। उसका चीखना चिल्लाना भी समझ में नहीं आता। 

तो यह कोशिश करो कि सब टूटे। लेकिन भरोसा न टूटे। क्योंकि भरोसे के ऊपर ही मियां बीवी का रिश्ता टिका हुआ है। 


3. openly (खुलकर) बात करना। 

देखिए मियां बीवी जब भी आपस में बात करें तो किसी एक को भी हिचकिचाहट बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। जो दिल में है खुलकर बात करो। 

इतना रिश्ता ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। इतना खुला हुआ होना चाहिए कि जरा सी भी संकोच इन्हें बात करने में नहीं होना चाहिए।

हां, कभी कभी एक दूसरे की राय। एक दूसरे की सोच अलग हो सकती है। लेकिन उस मुद्दे को लेकर बहस करना या झगड़ा करने के बजाय दोनों मिलकर ऐसा रास्ता निकालें कि दोनों उस मुद्दे पर। उस बात पर एग्री हो जाएं।


4.Complaints गिले शिकवे शिकायतें करना 

अक्सर बीवियां यह गलती करती है कि जैसे शौहर थक कर बाहर से आता है तो उसे सास भी लेने नहीं देती। पानी तक नहीं पिलाती और शिकायतों का अंबार लगा देती है। 

घर में राशन नहीं है। गैस नहीं है। दूध नहीं है। मैं बहुत थक गई हूं। इस तरह की वगैरा वगैरा। और कुछ शौहर भी यही गलतियां करते हैं कि आते ही शुरू हो जाते हैं कि तुमने ये किया क्या। तुमने वो नहीं किया? तुमको वह करना चाहिए था। तुमको यह करना चाहिए था। वगैरा वगैरा। 

शिकायतें जरूर होती है लेकिन उसका एक वक्त होना चाहिए। एक तरीका होना चाहिए कि किसी को बुरा ना लगे और उस पर झगड़ा ना हो वरना झगड़ों से फिर हजार शिकायतें निकल जाती है। 

तो यह कहां की अकलमंदी है कि एक शिकायत करने का तरीका और टाइमिंग ऐसा हो कि उससे हजारों शिकायतें पैदा हो जाए। इसलिए दोनों को एक दूसरे के मिजाज का। मौके का। वक्त का और मूड का खयाल होना चाहिए कि कब कौन सी बात करने से सामनेवाला भड़क जाएगा या उस मसले का सलूशन निकाल लेगा।

शिकायत करें। लेकिन सामने वाले का मूड देखकर वक्त देखकर और अच्छे अल्फाज के अंदर शिकायतें करें। देखिए, अल्फाज से ज्यादा लहजे का असर पड़ता है। लहजा अच्छा रखें। आपका मकसद यही है ना कि उस शिकायत का निवारण हो जाए। यही शिकायत हल हो जाए‌। वह गिला दूर हो जाए। इसलिए अच्छे अल्फाज और अच्छे लहजे का आप इस्तेमाल करें 


5. एक दूसरे की कमियां निकालना

जिसमें अक्सर मियां बीवी दिन रात लगे रहते हैं। एक दूसरे की कमियां निकालना। इसलिए कभी एक दूसरे की कमियां न निकालें। 

अब आपकी शादी हो गई। अब आप मियां बीवी है। अब आपने एक दूसरे को एक दूसरे की कमियों के साथ एक्सेप्ट कर लिया है। इसलिए अब उसको निभाना दोनों का काम है। मियां बीवी को एक यूनिट की तरह काम करना होता है। अब जो भी है आप एक दूसरे के हैं। एक दूसरे की कमियां भी एक दूसरे की ही है। अब उस कमियों को आप नजर अंदाज कर के आप आगे बढ़ें। 

अगर एक दूसरे की कमियां आप निकालोगे। इन्हीं मियां अगर बीवी की कमियां निकालेगा तो बीवी भी फिर मियां को नहीं बख्शेगी। फिर दोनों एक दूसरे के ऐब निकालते रहते हैं और दिन रात झगड़ते रहते हैं। देखिए कमियां सब में हैं। बेऐब सिर्फ अल्लाह की जात है। 

इसलिए एक फिल्मी डायलॉग भी है। कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते। 

इसलिए कमियां और ये सब चीजें इंसानी फितरत में हैं। इन्हीं इंसान को अल्लाह ताला ने गलतियों का पुतला बनाया है। गलतियां होना‌। कमियां होना ये कोई नई बात नहीं है। 

अगर मियां दूसरी बीवी लेकर आ जाए या बीवी दूसरे शौहर के साथ निकाह कर ले तो क्या वह बेएब मिलेगा? कमियां और एब सब में है‌।

इसलिए एक दूसरे कि कमियां के साथ ही रेहना होता है। यह पांच बातों पर अमल करना शुरू कर दिया तो इन्शाल्लाह कभी झगडे नहीं होंगे।


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Assalamualaikum आशा है कि आप खैरियत से होंगे

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