Story of Islam in hindi|एक साहूकार और एक आदमी

क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे बड़ी दौलत क्या है? 

कोई कहेगा पैसा‌। कोई कहेगा बैंक बैलेंस।कोई कहेगा अच्छा खासा बंगला। कोई कहेगा चमचमाती कार। 

लेकिन मैं आपको बता दूं कि दुनिया की सबसे बड़ी दौलत दिल का सुकून है। दिमाग का चैन है। अगर आपके पास गाड़ी है। बंगला है। कार है। बैंक बैलेंस है,। सबकुछ है। लेकिन...

Dil ka sukun Islamic story|दिल में सुकून

आपको रातों को नींद नहीं आती। नींद की गोलियां खानी पड़ती है। दिल में सुकून नहीं है। किसी को कारोबार का टेंशन। किसी को बीवी बच्चों का टेंशन‌ किसी को घर का टेंशन। किसी को खानदान का टेंशन। टेंशन ही टेंशन और टेंशन में ही जिंदगी गुजर रही है।  

दौलत सबकुछ है। माल सबकुछ है लेकिन दिल का सुकून नहीं। तो ऐसी दौलत का क्या करेंगें 
तो खुदा से हमेशा सुकून मांगिए। दिल का करार और दिल का चैन मांगिए।

Story of Islam in hindi|एक साहूकार और एक आलसी

चलिए आपको एक किस्सा बताता हूं। पुराने जमाने की बात है। एक साहूकार थे वो घोड़े पर जाते थे अपने कारोबार के लिए। अपने काम धंधे के लिए तो घोड़े पर जाते हुए वो रोज एक मंजर देखते थे कि एक दरख्त था बहुत घना और उसके नीचे एक आलसी किस्म का आदमी बिल्कुल दरख्त को टेक लगाए आराम से बैठा रहता था। कोई काम नहीं करता था। बस वहां से एक पानी की नहर जाती थी। वहां से पानी पी लेता था और दरख्त के फल खा लेता था 

और जब भी उस साहुकार की नजर उसके ऊपर पड़ती थी। वह आराम से पड़ा रहता था। तो इस साहुकार ने कई महिनों तक उसको देखा। और देखने के बाद उसको एक दिन खयाल आया कि चलो इससे बात करते हैं। 

वह एक दिन घोड़े से उतरा और उस आदमी के पास गया। कहा कि देखो भाई मैं कई महीनों से आपको देख रहा हूं कि आप इस दरख्त के नीचे पड़े रहते हैं। कोई काम नहीं करते। हमारी दुनिया में इसको आलसीपन कहते हैं। तो मेरे भाई आप कुछ काम कर लिया करो। कब तक ऐसे आलसी पड़े रहेंगे।

तो उस आदमी ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं क्या कर सकता हूं। 
साहुकार ने कहा ये मैं तुमको एक थैली दीनार की मैं दे रहा हूं। तुम एक काम करो‌। गांव में जाओ और एक छोटी सी दुकान खोल दो और पैसे कमाना शुरू करो।
 
तो उस आदमी ने कहा कि ठीक है‌। आपने यह पैसा मुझे दिया। बहुत शुक्रिया। मैंने दुकान भी खोल दिया और मुझे मैंने पैसे कमाना शुरू कर दिया। उसके बाद में क्या करूं। 

तो साहूकार ने कहा भाई कमाल हो गया। आप दुकान खोलो। पैसे आएंगे। आप अपनी घर चला सकते हैं। और आपके पास ज्यादा पैसे आएंगे तो आप एक दुकान की दो दुकान कर दो। 

तो उस आदमी ने कहा ठीक है। मैंने दुकान खोल दिया और मुझे पैसे भी आना शुरू हो गए और मैंने एक दुकान की दो दुकान कर दिया। उसके बाद मैं क्या करूं ? 

साहूकार ने कहा‌। बड़े अजीब आदमी हो यार। तुम दो दुकान करो उसके बाद और तुमको पैसे आएंगे। दो की चार दुकान करो। चार दुकान की आठ दुकान- दस दुकान करो। खूब पैसे आएंगे 

उसने कहां कि चलो मैंने दस दुकानें कर दी और मेरे पास खूब पैसे आने शुरू हो गए। अच्छा खासा बैंक बैलेंस हो गया। उसके बाद में क्या करूं। 

साहूकार ने कहा। वाकई तुम बड़े अजीब आदमी हो। अरे भाई! तुम्हारे पास इतना पैसा आ जाएगा तो एकाध कंपनी खोल लो। एकाध छोटा मोटा कारखाना शुरू कर दो। 10-20 मजदूर तुम्हारे पास काम करने लगेंगे और लाखों में तुमको पैसा आएगा। 

तो उस आदमी ने कहा ठीक है। चलो। मैंने कारखाना भी खोल दिया। 10-20 मजदूर भी आकर काम करने लग गए और लाखों रुपए भी आने लग गए। उसके बाद क्या करना है मुझे ?

तो साहुकार ने कहा। सच में मुझे एक अजीब आदमी से पाला पड़ा है। भाई तुम्हारे पास कारखाने से पैसे आने लग जाएंगे। लाखों रुपए आने लग जाएंगे तो तुम बड़ी कंपनी खोलो। हजारों मजदूर तुम्हारे हाथ के नीचे काम करेंगे और करोड़ों तुमको पैसे आएंगे।  

तो उस आदमी ने कहा कि साहूकार साहब मेरे पास कंपनी हो गई। हजारों मजदूर काम करने लग गए। करोड़ों रुपये भी आ गए और उसके बाद मेरे पास भरपूर पैसा आ गया। उसके बाद मुझे क्या करना है ? 

साहुकार ने कहा अजीब! अल्लाह ने मुझे ऐसे आदमी से मिलाया। भाई! तुम्हारे पास करोड़ों रुपए आ जाएंगे और तुम्हारे पास बंगला‌। कार। कंपनी सब हो जाएंगी। उसके बाद तुम सुकून से जिन्दगी गुजारो

तो उस आदमी ने कहा साहूकार साहब मैं अभी क्या कर रहा हूं ? सुकून से ही हुना तो मुझे सुकून के लिए आपने इतना लंबा चक्कर क्यों बताया कि जिसमें मेरी पूरी जिंदगी गुजर जाएगी। और आखिर के दो साल मुझे सुकून के मिलेंगे। मुझे खुदा ने अभी सुकून दे दिया है। 

अगर इतनी सब झंझट करने के बाद भी अगर सुकून ही मंजिल है‌। तो मैं तो बड़ा खुशकिस्‍मत आदमी हूं कि मुझे सुकून बगैर किसी झंझट के और बगैर किसी कंपनी के और बगैर किसी बैंक बैलेंस के मुझे सुकून अल्लाह ने दे दिया है। खुदा ने मुझे सुकून दे दिया है तो मुझे ही यह सब करने की क्या जरूरत है ?

साहूकार को उस आदमी की बात समझ में आ गई कि तुमने सच कहा अल्लाह ने तुमको शॉर्टकट में सुकून दे दिया है। और हमको रोजाना गधे की तरह काम करना पड़ता है। तब जाकर चंद पैसे कमाते हैं। और थोड़ा सा सुकून पाते हैं।

Fayda|story से क्या सबक मिला।

लिहाजा सुकून अल्लाह की बहुत बड़ी नेअमत है। अल्लाह ताला से जब भी दुआ मांगे बरकत वाला पैसा मांगे हलाल रोजी मांगे क्योंकि हलाल रोजी आएगी तो सुकून लाएगी और हराम रोजी बेचैनी लाएगी

अल्लाह ताला हम सबको हलाल रोजी अता फरमाए और दिलों का सुकून नसीब फरमाए। आमीन।

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Assalamualaikum आशा है कि आप खैरियत से होंगे

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